Monday, June 27, 2011

दलित लेखक संघ- चुनाव की प्रक्रिया

दलित लेखक संघ में एक बार फिर से अवसरवाद और पदों की जंग दिखाई पड़ रही है एक दुसरे पर कीचड़ उछाला जा रहा है अपने अवसरवाद को दूसरो का अवसरवाद बताया जा रहा है कृपा करके इस पर धयान  दें . जो लोग खुद को लोकतांत्रिक और  दूसरो को अलोकतांत्रिक बता रहे है वे खुद के बारे में भी सोचें की वे क्या कर रहे है अनीता भारती जी ने सबको  मेसेज किया की ९ जुलाई को दलेश का चुनाव होना है जिसका वेनु  अभी तै नहीं है   ये फैसला  किस सभा या मीटिंग में तय हुआ, वो  मीटिंग कब हुई तथा उसमे कौन  लोग उपस्थित थे , इसकी कोई जानकारी उन्होंने नहीं दी है उन्हें यह जानकारी मुहया करानी चाहिए जिससे उनकी लोकतान्त्रिक पद्धति शो  हो सके . ,जबकि लोकतान्त्रिक तरीके से १९ जून को काफी हाउस  की मीटिंग में सर्वसम्मति  से लिए गए फैसले  को वे अलोकतांत्रिक बता रही है दुसरे वे  आनन फानन  बनी  अपनी बनाई वेबसाइट दलित लेखक संघ में आंकड़ो का भ्रम भी फैला  रही है  , वे २९ may  के  आकडओं को   २९ जून  का  Minutes    बता रही है  अब देखने और सोचने की बात यह है की वे ऐसा क्यों कर रही है  देखे उनका आकडा, उनका सच  -

http://www.dalitlekhaksangh.org/excerpts-from-minutes-of-dls-meeting-of-29th-june-2011.html

शायद लेखक संघ दुबारा से लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहा है और कुछ लोगों का चरित्र साफ होना है,   मै इसलिए ये लिख रहा हू क्योंकी मै भी इस प्रक्रिया का साझीदार रहा हूँ . हाँ यह जरुर है की अनीता जी इस सभा में नहीं थी और ईशकुमार गंगानिया जी ने समन्‍वय समिति की रिपोर्टिंग की थी इसके बाद समन्‍वय समिति के गैरजिम्मेदाराना रवैए  ,मीटिंग समन्‍वय समिति  की रिपोर्टिंग , उसकी कार्य पद्धति , उसके प्रयासों सफलता व विफलता पर चर्चा की लिए ही समिति द्वारा ही बुलाई गयी थी और समिति के ३ जिम्मेदार सदस्य ही गायब थे , के चलते यह समिति भंग कर दी गयी और एक नयी समिति बनाई गयी जिसने यह तय किया की २५ जून को भविस्य की कार्य योजना व चुनाव की प्रक्रिया को कार्यान्वित किया जाय. अभी अप सब का शाम ५ .30  बजे गाँधी शांति प्रतिष्ठान , I  TO  , में आमंत्रण है आये और चर्चा व चुनाव की प्रक्रिया में साझीदार बने  






1 comment:

  1. bilkul sahi likha hai sarvesh ji ye aapane.mukesh manas

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